सोमवार का दिवस भगवान शिव को समर्पित है व यह व्रत मनोकामना की पूर्ति हेतु किया जाता है, जिससे निर्धनता दूर होकर घर परिवार में सुख निर्धि. Plus d'informations
इस व्रत के देवता चन्द्रमा है, अतः यह चन्द्रवार भी कहलाता है। चन्द्रमा स्वयं औषधिपति हैं तथा उनकी किरणें शीतलता फैलाती हैं। इसी पtenir सोमवार के व्रत में चन्द्रशेखर शिव व माता पार्वती की पूजा की जाती है।
किसी भी मास के प्रथम सोमवार से यह वtenir Plus d'informations शास्त्रों के अनुसार कम से कम सोलाह सोमवार का व्रत या एक साल के सोमवार का व्रत संकल्प करना चाहिये। Tous les autres इस दिवस भगवान शिव, माँ पार्वती, चन्दtenir इस व्रत में या तो फलाहार या दही-दूध, खीर एक समय खाया जा सकता है। Plus d'informations दिन में शिव साधना तथा चन्द्र संबंधी स्तुतियां पढ़ी जाती हैं।
यह एक रात्रिकलीन साधना है। स्वच्छ सफेद वस्त्र धारण कर पूर्व दिशा की ओर पीले असान पर बैठे व अपने समक्ष सद्गुरूदेव, भगवान शिवर चित्र सœuvre
Après la méditation, chantez 7 tours du mantra suivant avec XNUMX Shakti Malas.
सोलाह सोमवार या एक वर्ष जितने भी व्रत का संकल्प लिया है, तब तक जप कर अन्तिम दिवस .ve
Plus d'informations ये पृथ्वी पुत्र हैं। Plus d'informations मंगल के व्रत से गरीबी दूर होती है तथा रक्त संबंधी विकार शांत होते हैं। महाबली हनुमान का जन्म मंगलवार को हुआ था, अतः इस दिन हनुमान जी की पूजा होती है। हनुमान जी के लिये व्रत और पूजन करने से मंगल ग्रह के दोष भी शांत हो जाते हैं।
किसी भी मास की अमावस्या के बाद के मंगलवार से यह व्रत शुरू किया जा सकता है। यह व्रत किसी विशेष लक्ष्य प्राप्ति या फल की कामना से प्रांरभ किया जाता है तो कम से कम्कीसरभ किया मंगलवाताerci क व्रत इक्कीस .cre पैंतालीस। मंगलवाnerci. मंगल ग्रह का रंग भी लाल है और हनुमान जी पर भी लाल सिन्दूर चढ़ाया जाता है।
अतः इस दिन की पूजा में सारी लाल वस्तुओं का प्रयोग होता है। प्रातः काल स्नान कर हनुमान जी के चित्र या मूर्ति को लाल रंग के गुड़हल या गुलाब की माला पहनाते हैं। गुड़हल य. लाल ही चन्दन घिस कर लगाते है। मंगलवार के दान में लाल रंग के कपडे़, तांबे के बरतन आदि दिये जाते हैं।
मंगलवार को प्रातः स्नान आदि से निवृत होकर लाल वस्त्र धारण कर पूर्व दिशा की ओर मुख कर लाल आसन ग्रहण करें, अपने समक्ष सद्गुरू, भगवान हनुमान का चित्र व मंगल यंत्र स्थापित करें, लाल पुष्प चढ़ाये पूर्ण पंचोपचार पूजन के पश्चात हनुमान जी का ध्यान करें -
Tous les jours,
Après avoir jeûné pendant les jours résolus, laissez le yantra couler dans la rivière.
बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित है और इस दिन के देवतcre Plus d'informations विद्या, वाणी कौशल और बुद्धिके लिये बुध की पूजा और व्रत सम्पन्न किया जाता है। इस व्रत को करने से व्यक्ति के बुध ग्रह की अशुभ दशा शुभ हो जाती है। बुध के दिन जन्म लेने वाला बालक प्रतापी और बुद्धिमान होता है तथा कठिन कार्यो को भीरल बना देता है।। क.
किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के पहले बुधवार से यह व्रत शुरू किया जा सकता है। Plus d'informations Plus d'informations
इस दिन बुध देवता की धूप दीप नैवेद्य से पूजा सम्पन्न करते हैं, साथ ही हरे फलों का भोगर्पित किये जाते हैं। फलों फलों. खाने में व्रत खोलते समय मूंगा की दाल खिचड़ी ग्रहण करने के बाद ही अन्य भोजन लिया जाता है।
बुधवार की पtenir Imp
Plus de 11 ans de plus
Après une observation rapide, immergez le Yantra dans la rivière.
बृहस्पतिवार का व्रत देवगुरू बृहस्पतिवार की प्रसन्नता हेतु किया जाने वाला व्रत है। Plus d'informations Plus d'informations Plus d'informations Plus d'informations
यह व्रत किसी भी शुक्ल पक्ष के पहले बृहस्पतिवार से शुरू किया जा सकता है। Plus d'informations इस व्रत में पीले रंग की वस्तुओं का ही प्रयोग किया जाता है। भगवान बृहस्पति की पूजा में पीले पुष्प, पीले फल, पीले वस्त्र, पीले आसन का प्रयोग होता है।
बृहस्पतिवार की प्रातः सtenir
Installez Sadgurudev ji, la photo de Lord Vishnu et Brihaspati Yantra devant vous. Offrez des fleurs jaunes, dégustez des fruits jaunes et faites vœu de jeûner. Méditez sur le Seigneur Vishnu-
विष्णु सहस्त्र नाम का पाठ कर बृहस्पति माला से निम्न मंत्र की 9 माला जपरें।।.
संकल्पित व्रत पूर्ण होने के पश्चात अन्तिम बृहस्पतिवार को यंत्र नदी में्रवाहित करे दे।
यदि ज्योतिष के अनुसार किसी व्यक्ति का शुक्र ग्रह अनिष्टकारी हो तो उसकी शांति के लिये शुक्रवार का व्रत लाभकारी सिद्ध होता है और यदि किसी का शुक्र ग्रह अनुकूल और प्रबल हो तो विद्वत्ता, वाणी कौशल और धन सम्पत्ति आदि सब उस व्यक्ति को स्वतः प्राप्त होती है ।
शुक्र तारा ढाई महीने के लिये अस्त होता है और उतने समय तक कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता शुक्रवार का व्रत लक Joh प्राप्ति संभव होती है। शुक्रवार के व्रत वा उपवास रखने से देवी लक्ष्मी व माँ संतोषी प्रसन्न होती है, इस व्रत को शुक्लपक्ष के प्रथम शुक्रवार से शुरू किया जाता है और कम से कम इकतीस व्रत अवश्य किये जाने से ही उचित फल की प्राप्ति संभव होती है। Plus d'informations सांध्य काल में व्रत खोला जाता है, इस दिन खटाई से परहेज रखना अनिवार्य होता है।
शुक्रवार प्रातः सtenir अपने समने सदtenir पूर्ण पंचोपचार पूजन सम्पन्न करें। Plus d'informations माता लक्ष्मी का ध्यान करें-
Récitez Lakshmi Chalis, complétez 11 séries de chants du mantra suivant avec Shukra Mala.
संकल्पित व्रत पूर्ण होने पर अन्तिम शुकtenir
सारे गtenir Plus d'informations आकाश में शनिग्रह अत्यन्त सुंदर दिखते हैं क्योंकि उनके चारों ओर प्रकाश का एक गोलरा सा है।।. किन्तु व्यक्ति की जन्मराशि पर जब शनि देव की दृष्टि पड़ती है तो वह समय बहुत (कष्टकारक हो जाता है और उसे ही शनिदश्टकारक हो जात.
Lorsque Shani Dev est en colère, il y a divers problèmes et problèmes, il y a une peur de la mort, et d'autre part, lorsque Shani Dev est heureux, il y a une augmentation du bonheur, de la prospérité, de la santé, ainsi que de l'administration et de la justice, dans la capacité de diriger. Il y a une augmentation.
शनिवार का व्रत भी अन्य व्रतों के समान ही है, फिर भी इस व्रत में बहुत सावधानी अपेक्षित होती है।।। में बहुत सावधानी अपेक्षित होती है। यह वtenir
पtenir पूजा स्थान साफ करके शनिदेव की मूर्ति, या चित्र व यंत्र रखें साथ में भगवiner शनिदेव के चित्र के साथ ही हनुमान जी का चित्र रखना आवश्यक होता है।
सारी व्यवस Joh शनि ध्यान सम्पन्न करें-
Plus de 5 fois plus de temps
संकल्पित वtenir शनिदेव का रंग काला है अतः उन्हें काले ही रंग की वस्तुओं का भोग लगाया जाता है जिसमें काले तिल के्डू, उड़द के आटे के्डू आदि. इस दिन तांबे या लोहे के कीले व बरतन में सरसों का तेल, काली छतरी, काला कंबल, काले तिल आदि दान में दिये जाते है।।।.
सौर मण्डल में सबसे तेजस्वी ग्रह सूर्य देव है, इनके व्रत से व्यक्ति तेजस्वी होता है, कार्य-क्षेत्र, मान-सम्मान में बढोतरी होती है, मनोबल बढ़ता है, वर्चस्व स्थापित होता है, शत्रु पर विजय प्राप्त होती है, व अन्य मानसिक कष्ट दूर होते है। Plus d'informations
Plus d'informations सूर्योदय व सूर्यास्त के समय सूर्य नारायण का रंग लाल होता है, अतः रविवार के व्रत में सभी लाल रंग की वस्तुओं को पtenir
रविवार के दिन सवेरे स्नान कर, लाल रंग के वस्त्र धारण कर व्रत का संकल्प लें। पूजा स्थल को स्वच्छ कर भगवान सूर्य, भगवान गणपति, सद्गुरू की मूर्ति अथवा चित्र स्थापित करें, सूर्य यंत्र स्__ère धूप, दीप, नैवेद्य, लाल रंग के पुष्प, केसर, लाल वस्त्र आदि भगवान को अर्पित कर पूजन आरंभ करें। भगवान सूर्य का ध्यान करें-
Plus de 7 fois plus de temps
अंतिम रविवार को पूजन पश्चात् सूर्य यंत्र को नदी में प्रवाहित कर दें। Plus d'informations
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