Plus d'informations 'कूर्म पुराण' में एक रोचक कथा आती है। ° समुद्र मंथन के बाद कूर्मावतार ने उन दोनों को आशीर्वाद दियiner Plus d'informations
इसलिये सोमवती अमावस्या को साधना के लिये सर्वश्रेष्ठ माना गया है, क्योंकि इस दिन कीcrest Plus d'informations Plus d'informations
सौभाग्य का अर्थ होता है वे समस्त उपलब्धियां, जिन्हें प्राप्त कर हम अपने जीवन को्दित और तरंगित बनर हम अपने जीवन को आनन्दित और तरंगित बना सकें।। अपने जीवन आनन्दित और तरंगित बना सकें।। अतः इस अवसर पर उच्चकोटि के सन्यासियों द्वारा सिद्ध साधनायें दी जा रही है है जिनके्पन्न कर लेने व्यक्ति हर प्रकाnर की बर लेनेतीवतीवर होर होतीवतीवतीवतीव. ये समस्त साधनायें आप सोमवती अमावस्या को अवश्य ही सम्पन्न करें, क्योंकि इसी के साथ नूतनर्ष प्रœuvre
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किसी कारणवश इस अवसर को चूक जाने पर इन साधना को किसी भी माह की अमावस्या को सम्पनtenir यदि आप चाहें, तो तीनों साधनाओं को भी उसी एक दिन में सम्पन्न कर सकते हैं।
Karna Pishachini Sadhana
कर्ण पिशाचिनी महाकाली शक्ति का स्वरूप हैं जो जो साधक के जीवन से्यूनताओं का शमनरती है। से न्यूनताओं क. Plus d'informations उसे नया जीवन दान देती है और हर तरह के बुरे कर्म भावो से प्रदान करती रहती है।। प. जिससे जीवन में निरन्तर पुण्योदयमय शुभ लाभ स्वरूप में स्थितियों का विस्तार होता है।
इस दृष्टि से यह जीवन में डर, भय, अनिश्चितता, संदेह व अनेक विषमताओं को पूर्ण रूपेण समाप्त करने में यह साधना सहायक है।।।।।. जिसे प्रत्येक शिष्य, साधक, मनुष्य को सम्पन्न करनी ही चाहिये। क्योंकि जब तक हमारा जीवन पूरी तरह से पाप-दोष से मुक्त नहीं हो पाता, तब हम.
हमारा यह जीवन पिछले जन्म के अनेक कर्मों के प्रभाव से बंधा हुआ है। जिनके कारण जीवन में अनेक दुःख, संताप, पीड़ा सहन करनी पड़ती ही है और उसी के कारण हमारा सफलता का मार्ग भी अवरूद्ध होतारा है। पाप-दोष के शमन हेतु समय-समय पर भिन्न-भिन्न शक्तिपात दीक्षा, साधना पत्रिका में प्रकाशित होती ही ही है।।. जिसका लाभ हजारों शिष्यों को प्राप्त हुआ और उन्होंने अपना श्रेष्ठतम अनुभव भी हमसे साझा किये।।.
यह तो स्पष्ट है कि प्रत्येक व्यकtenir प्रत्येक साधक का यही प्रश्न होता है कि किस प्रकार से कौन से विधान से हम इन अशुभ कर्मफलों से मुक्त हो सकते हैं, इन्हीं सब प्रश्नों का उत्तर है यह साधना जिसे सम्पन्न कर साधक-शिष्य अपने जीवन को सुकर्मों की ओर अग्रसर तो करता ही है , साथ ही संचित पापों से युक्त जीवन में आयी विषम स्थितियों से मुक्त भी होता है।
कर्ण पिशाचिनी अपने साधको का हर क्षण ध्यान रखती है, उसके जीवन में आने वाले प्रत्येक संकट का पूर्व में ही निवारण कर देती है क पू. जिससे साधक और उसका परिवार किसी घटना-दुर्घटना में पूर्ण सुरक्षा प्राप्त करने में सफल होता है।।।।।।।।।।।।. साथ ही ज्वालामुखी कर्ण पिशाचनी का विशिष्ट रूप साधक के सभी पाप-ताप, संताप, कुकर्म दोषों को उग्र स्वरूप से्मीभूत.
Plus d'informations साथ ही कौन से कार्य करने से श्रेष्ठता, सफलता प्राप्त होगी, यह एक महत्त्वपूर्ण विषय है, क्योंकि हमें अनेक ऐसे कर्मो का ज्ञान तो है जिससे कर्म दोष संचित होते है, परन्तु अनेक ऐसे कर्म भी है, जिसका हमें ज्ञान नहीं होता कि इसके द्वारा हमें क्या लाभ और हानि प्राप्त होगा। किससे हमको सफलता प्राप्त होगी। इसीलिये यह साधना जीवन का एक महत्वपूर्ण अध्याय है, जिससे जीवन में जुड़.
इस साधना में किसी भी तरह की कोई भय की बात नहीं है, सामान्य साधनाओं की तरह इस साधना को आप निश्चित होकर सम्पन्न करें। भी आप. किसी भी तरह का कोई डरावना अथवा अनहोनी घटना या आवाज आपको नहीं सुनायी देगी। Plus d'informations यह साधना सफलता का सूचक होगा।
Sadhana Vidhan
सोमवती अमावस Joh पूजा स्थान में सामने लकड़ी के बाजोट पर काला कपड़ा बिछायें साथ ही बाजोट के चारों कोने में शुद्ध घी .cre Plus d'informations इसके बाद किसी थाली पर अपना नाम लिखकर उस पर कर्ण पिशाचिनी यंत्र स्थापित करें। Plus d'informations यंत्र के सामने एकाग्र भाव से देखते हुये तीव्र उच्चारण से मंत्र जाप करे। उच्च स्वर से रोम प्रतिरोम में मंत्र समाहित होकर पाप दोष का शमन करता है।
संकल्प लेकर काली हकीक माला से निम्न मंत्र का 9 माला जप एकाग Johû
मंत्र जप समाप्ति के पश्चात् हवन सामग्री के साथ काली मिर्च से 21 बार उक्त मंत्र का उच्चारण करते हुये्नि में्र करे. Plus d'informations
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