1 ? Plus d'informations
Biju - attaché à la graine.
Kalmi- Ceux qui sont plantés par stylo.
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2 ? फल छोटे होते हैं।
3 इसमें प्रायः रेशेदार, कम गूदावाले और बड़ी गुठली होती है।।
4 à 20 à 40 à XNUMX à XNUMX à XNUMX à XNUMX à XNUMX à XNUMX à XNUMX
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2 et plus
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4 ? Plus d'informations
आयुर्वेद निघण्टु ग्रंथों में जंगली आँवले को ही क्षुद्रामलक, काष्ठधात्री, कर्कट आदि नामों से अभिहित किय. Plus d'informations Plus d'informations इसकी प्रकृति ठंडी है। अम्लता के कारण यह रूचिकर होता है। भोजन के स्वाद के लिये चटनी, अचार, मुरब्बा से लेकर स्वास्थ्य के लिये औषधि तक में इसका प्रयोग अनेकों्रकार से किय ज इसका प्रयोग अनेकों्रकार से किया जाता है। इसके गुणों पर दृष्टिपात करने पर यह वस्तुतः जीवन रक्षक ही सिद्ध होता है।
जिस शक्ति के आधार पर शरीर का स्वास्थ्य और जीवन शक्ति निर्भर रहती है, वह आँवले में पर्याप्तlan अब वैज्ञानिक परीक्षणों में भी पाया गयiner यह कारण है कि इसके सेवन से असामयिक बुढ़ापा नहीं आता तथा अंत तक शरीर मे्ती और शक्ति बनी रहती है।। चुस. यह तृपtenir इसी शक्ति के कारण वृद्धों, गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिये इसे आवश्यक बताया गया है। Plus de 20 heures de plus
आँवला केवल स्वादिष्ट, स्वास्थ्यवर्द्धक फल ही नहीं नहीं, यह उत्तम औषधि भी है है Plus d'informations इसका नियमित सेवन करते रहने से रक्त, उदर, मानसिक, वीर्य, वातादि विकारों में लाभ होता है तथा चर्म, पांडु, वात, प्रदर, क्षय, बहुमूत्र, अजीर्ण, अतिसार, वात, आँख आदि के रोग होने का भय नहीं रहता।
Plus d'informations Plus d'informations अजीर्ण, कब्ज, दस्त, अतिसार, अग्रिमांद्य में इसके सेवन से स्थायी लाभ होता है।। सेवन से. त्रिफला को घी के साथ मिलाकर सेवन करने से आँखों की ज्योती, शरीर की शक्ति और मुख की कान्ति.
इसके चूर्ण को भिगोकर इसके पानी से बालों को धोने से बालों की जड़ें मजबूत होती हैं। बाल काले, चमकीले और लम्बे होते हैं तथा बालों के रोगों का नाश होता है, जैसे असमय में ही पकना, झड़ना आदि।।।। जैसे में ही पकन. आँवले के चूर्ण के पानी से आँखों को प्रतिदिन प्रातः धोने से दृष्टि दोष में लाभ होता हैर औ की की बिमारी होने काभ होता हत और आँखो की बिम.. चूर्ण के पानी से शरीर पर उबटन करने से शरीर कान्ति युक्त बनता है। चमड़ी में झुर्रियाँ नहीं पड़ती और चर्म रोगों का नाश होता है। आँवले के चूर्ण को शहद के साथ सेवन करने से पित्त जनित शूल में लाभ होता है।
पित्त रोग होने पर उसे शांत करने के लिये आँवले के चूर्ण में घी और मिश्री मिलाकर सेवन करने से लाभ होता है।। मिल. सूखा आँवला, चिमक की जड़, छोटी हरड़, सेंधानमक तथा पीपल को समभाग लेकर सबको पीसकर चूर्ण बनाकर लेने से ज्वर दूर हो जाता है।. नाक से खून गिरता हो तब सूखे आँवले को घी में तलकर पीसने और उसे मस्तक पर लेप करने से खून बंद हो जाता है। Plus d'informations गर्मी में आँवले का नियमित सेवन करते रहने से लू लगने का भय नहीं रहता। इस अकेले के सेवन करते रहने से दाँतों के रोग, मसूड़ों की कमजोरी, छोटे बच्चों के दस्त, दाँत निकलते समय के कष्ट, बच्चों की कमजोरी तथाँत निकलते समयरिक विक्ट, बच्चों कीरी तथा शnerci चर्मरोगों की जलन आँवले के पानी से स्नान करने से शांत होती है और चर्म रोग समाप्त हो जाता हैं।।।।।।।।.
आँवले का रस शहद के साथ सेवन करने से शरीर में संचित मल साफ हो जाता है और उदर रोगों की शिकायत नहीं होती। इससे शरीर को शक्ति मिलती है। भोजन ठीक तरह से पच जाता है। रक्त अतिसार की बीमारी शहद, दूध और घी में आँवले का रस मिलाकर लेने से समाप्त होती है है। मठे के साथ आँवले का रस पीने से प्रमेह की बीमारी नष्ट होती है।
आँवले का मुरब्बा ठंडा, मस्तिष्क और शरीर के अवयवों को शक्ति देने वाला तरावटी, रूचिकर होता है। इसकी चटनी दाह, कफ और पित्त आदि को शांत कर इससे होने वाले रोगों तथा विकारों से रक्षा करती है। आँवले के साथ ब्राह्मी को पीसकर चटनी बनाकर खाने से स्मरण शक्ति में वृद्धि होती है है। स. इससे मानसिक तरावट बनी रहती है। Plus d'informations मानसिक गर्मी बढ़ने नहीं पाती। Plus d'informations उदर रोगों से रक्षा होती है। आँवले को आग में भूनकर उसके साथ नमक छिड़कर खाने से भोजन को पचाने की शक्ति बढ़ती औ .ve
नियमित रूप से आँवले का सेवन करते रहने से रक्त शुद्ध होता है। शरीर में कोई घाव हो जाने पर घाव को शीघ्र भरने की क्षमता प्रदान करता है तथा घiner-से बहने वाले. खून्र ही बंद हो.. घाव पकने नहीं पाता। बचपन से ही नियमित सेवन करने वालों की वीर्य विकारों में रक्षा होती है। Plus d'informations Plus d'informations
आँवले की फसल मौसमी है। अतः यह साल भर ताजा नहीं मिल सकता। Plus d'informations Plus d'informations Plus d'informations करीब 3-4 माह तक उन्हें ताजे रखने के लिए उबाले गये पानी में नमक मिलाकर उसमें ताजे आँवले को रख कर समय पर धूपœuvre यहां ये बात उल्लेखनय है कि आँवले को उबालने या सुखाने पर भी उसमें पाये जाने वाले पौष्टिक तत्व नष्ट नहीं होते।।।. Plus d'informations कीमत की दृष्टि से यह अन्य फलों की अपेक्षा बहुत ही सस्ता, किन्तु सर्वाधिक गुणकारी होता है।
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