अर्थात्, संस्कार वह है जिसके हो जाने पर पदार्थ या (व्यक्ति) किसी कार्य के योग्य हो जाता है।।।. 'संस्कार' हमारे धर्म का एक आवश्यक अंग है। संस्कार का सामान्य अर्थ है- शुद्ध करना, पूर्ण करना या चमका देना आदि। हमारे ऋषि मुनियों ने व्यक्ति कों एक श्रेष्ठ मनुष्य बनiner धार्मिक ही नहीं वैज्ञानिक दृष्टि से भी उन संस्कारों का हमारे जीवन में विशेष महत्व हैं। संस्कार करने से दो तरह की योगtenir
Plus d'informations मनुष्य की उन्नति मार्ग में ये संस्कार सीढी के समान होते हैं हैं, जो उसके दोषों को दूर करते हुये, उसे गुणवान बनाते हुये लगातार ऊँचरते हुये, उसे गुणवान बनाते हुये लगातार ऊँचा उठ उठ हैं।। बन. मनुष्य में इन्दtenir Plus d'informations मनुष्य को सुसंस्कृत करने के लिये कुछ सिद्धांत ऐसे बनाये गये, जिन्हें धर्म से्त किया गया है।।.
इन नियमों के पालन का अर्थ था कि गर्भ में आने के समय से लेकर मृत्यु और उसके बाद भी यह सुव्यवस्थित तथ्यु और पद्धति को यह सुव्यवस्थित. इन संस्कारों के द्वारा पtenir सम्पूर्ण जीवन के हर महत्त्वपूर्ण पड़ाव पर किये जाने वाले ये संस्कार जीवन में बार-बार आत्मियों और बन्धुओं से मिलने के और प्रसन्नता-उल्लास के अवसर प्रदान करते हैं, त्यौहार का वातावरण रचते हैं, मानसिक भावों में पवित्रता भरते है। इससे मन के मलिन विचार अपने आप दूर होकर प्रभु कृपा का प्रत्यक्ष अनुभव होने लगता है।
Plus d'informations Plus de 40 48 25 Plus de 16 personnes Plus de XNUMX ans de plus वहीं महर्षि वेदव्यास स्मृति शiner
Du 1/13 au 15/XNUMX
Plus d'informations इनमें कुछ संस्कार माता-पिता द्वारा किये जाते हैं, कुछ आचार्य या गुरू द्वारा, कुछ स्वयं व्यक्ति्तिfercive यदि उचित समय और वातावरण में विधि विधान से ये संस्कार किये जायें, तो इनका इच्छित प्रभाव अवश्य होता है।।. Plus d'informations
संस्कार मनुष्य के भीतर इच्छा शक्ति व क्षमता बढ़ाने का एक माध्यम है। इसका शाब्दिक अर्थ सम + कृ + धञ (ध्यान) = संस्कार, जिसमें सम् का अर्थ समान करना या करने से है।। अर्थात् संस्कार जन्म से मरण तक की समस्त क्रियाओ को ठंसंदबम करते हैं। संस्कारों के पालन करने से शरीर, मन व आत्मा का शुद्धिकरण होता है।
संस्कार पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढते हैं यहा तक कि पिछले जन्म में ग्रहण किये गये Dieu Plus d'informations
अब से हर अंक में जन्म पूर्व से लेकर मृत्यु पश्चात् तक के्कारों का विस्तृत वर्णन दिया जायेगा। क्योंकि संस्कार मनुष्य व समtenir
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