.। ऊँ र्विष्णु र्विष्णु र्विष्णु श्रीमदभगवतो महापुरूषस्य विष्णो राज्ञया पtenir
इस मंत्र का सरल शब्दों में अर्थ है-हे विष्णु सृष्टि के पालक-भगवत गीता में उल्लेखित सभी महानुभवों- इस कलियुग में कैलाश पर्वत के छाया में भारतवर्ष व समस्त आर्य अखण्ड भारत के वैदिक काल के, अपने पूर्वज को साक्षी मान कार्य को आरम्भ व Plus d'informations
हर मंगल व शुभ कार्य को शुरू करने से पूर्व हम यह मंत्र तो (अवश्य बोलते हैर इसके मूल मूल या अर्थ को समझने व अपने्दर आत्मसात. (Racines) T ° है, हमे तो सिर्फ हाथ व दिमाग खोल इसे अपनाना है, हम अपने पौराणिक ज्ञान के लिये सदैव प्रामाणिकता का इन्तजार करते है या इसे किसी पंडित या हिन्दू सन्तों को मूर्ख या पैसा बनाने का जरिया मानते है पर जब इनके दिखाये विधि या मार्ग पर चल कर ÉTRANGER UNIVERSITÉ इसे प्रमाणित करती है तो शर्म करने के अलावा और कुछ नहीं कर पाते। यह सब बतलाने का मेरा उद्देश्य सिर्फ इतना है कि हमे कभी भी अपने मूल मूल, अपनी जड़ों को भूलना या इसका तिरस्कार नहींरना चाहिये।।. जो इसे समझ गये वे अपने जीवन में आज भौतिक व आध्यात्मिकता के चरम पर है। मैं आशा करता हुँ आप इसे अवश्य ही समझने का प्रयत्न व अपने भीतर आत्मसात् करने की कोशिश करेंगे। इसी ज्ञान के विस्तार हेतु समय-समय पर शिविरों का आयोजन हो रहा है।
le vôtre
Vineet Shrimali
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